“Hungama Hai Kyon Barpa” Lyrics
“Hungama hai kyon barpa” is a ghazal written by Akbar Allahabadi. This ghazal is based on Raag Darbari Kanada. This ghazal was first sung by Mehdi Hassan in a Pakistani film “Aap Ka Khadim” directed by Wazir Ali.
This ghazal, “Hungama hai kyon barpa” became popular after Ghulam Ali sang it.
Singer: Ghulam Ali
Writer: Akbar Allahabadi
Hungama Hai Kyon Barpa Lyrics in English
Ye alag baat hai saaqi ke
Mujhe hosh nahin
Varna main kuch bhi huun
Ehsan-faramosh nahin
Main teri mast nigahi ka
Bharam rakh lunga
Hosh aya bhi to kah dunga
Mujhe hosh nahin”
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Us may se nahin matalab
Dil jisase ho begaana
Makasuud hai us may se
Dil hi mein jo khinchati hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
Suuraj mein lage dhabba
Fitarat ke karishme hain
But hamako kahein kafir
Allah ki marzi hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
Naatajurbaakaari se vayiz ki
Ye baatein hain
Is rang ko kya jaane
Puuchho jo kabhi pi hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
Waan dil mein ki sadamein do,
Yaan ji mein ki sab sah lo
Unaka bhi ajab dil hai,
Mera bhi ajab ji hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
Har zarra chamakata hai
Anawaar-e-ilaahi se
har saans ye kahati hai
Ham hain to kuda bhi hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
E shauq wahi may pi
Ai hosh zara so ja
Mehamaan-e-nazar is dam
Ik bark-e-tazali hai
Hungama hai kyon barpa,
Thodi si jo pi li hai
Daaka to nahin daala
Chori to nahin ki hai
“हंगामा है क्यों बरपा” लिरिक्स/
“Hungama Hai Kyon Barpa” Lyrics in Hindi
मैं तेरी मस्त निगाही का
भरम रख लूगा,
होश आया भी तो कह दूँगा
मुझे होश नहीं
हंगामा है क्यों बरपा,
हंगामा है क्यों बरपा,
हंगामा है क्यों बरपा,
बरपा, हंगामा
हंगामा है क्यों बरपा
हंगामा है क्यों बरपा
हंगामा है क्यों बरपा
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला…
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
उस मय से नहीं मतलब
दिल जिससे हो बेगाना
उस मय से नहीं मतलब
दिल जिससे हो बेगाना
मकसूद है उस मय से,
मकसूद है उस मय से,
दिल ही में जो खिंचती है।
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
सूरज में लगे धब्बा
फ़ितरत के करिश्मे हैं (अलाप)
सूरज में लगे धब्बा
फ़ितरत के करिश्मे हैं
बुत हमको कहें काफ़िर,
बुत हमको कहें काफ़िर,
अल्लाह की मरज़ी है।
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
ना तज़ुर्बाकारी से,
वाइज़ की ये बातें है
ना तज़ुर्बाकारी से,
वाइज़ की ये बातें है
इस रंग को क्या जाने,
इस रंग को क्या जाने,
इस रंग को क्या जाने,
पूछो तो कभी पी है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
हर ज़र्रा चमकता है,
अनवर-ए-इलाही से
हर ज़र्रा चमकता है,
हर ज़र्रा चमकता है,
अनवर-ए-इलाही से
हर सांस ये कहती है,
हर सांस
हर सांस ये कहती है,
हम है तो खुदा भी है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नहीं की है
हंगामा है क्यों बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है
थोड़ी सी जो पी ली है,
जो पी ली है जो पी ली है…
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