Kalank Lyrics (Title Track)
Arijit Singh
Title Song: Kalank Title Track
Movie: Kalank
Singer: Arijit Singh
Composer: Pritam
Lyricist: Amitabh Bhattacharya
Music Label: Zee music Company
Kalank Lyrics in English
Hawaon mein bahenge
Ghataon mein rahenge
Tu barkha meri
Main tera badal piya
Jo tere na huye to
Kisi ke na rahenge
Deewani tu meri
Main tera pagal piya
Hazaron mein kisi ko
Taqdeer aisi, mili hai
Ek Ranjha aur Heer jaisi
Na jaane ye zamana
Kyun chahe re mitana?
Kalank nahi
Ishq hai kajal piya
Kalank nahi ishq hai
Kajal piya
Piya, piya
Piya re, piya re,
Piya re..
Piya re, piya re,
Piya re
Duniya ki nazron mein
Ye rog hai
Ho jinko wo jaane
Ye jog hai
Ek tarfa shayad ho
Dil ka bharam
Do tarfa hai to
Ye sanjog hai
Laee re hamen
Zindagaani ki kahaani
Kaise mod pe
Huye re khud se paraye
Ham kisise na na jod ke
Hazaron mein kisi ko
Taqdeer aisi, mili hai
Ek Ranjha aur Heer jaisi
Na jaane ye zamana
Kyun chahe re mitana?
Kalank nahi ishq hai
Kajal piya
Kalank nahi ishq hai
Kajal piya
Main tera, main tera,
Main tera, main tera
Main tera, main tera,
Main tera, main tera
Main gahara tamas,
Tu sunehra savera
Main tera oo.. main tera
Musafir main bhatka,
Tu mera basera
Main tera oo.. main tera
Tu jugnu chamakta
Main jungle ghanera
Main tera… aa..
O piya main tera,
Main tera
Main tera, main tera,
Mmain tera
Ho.. oo.. main tera
Main tera, main tera,
Main tera, main tera
Main tera, main tera,
Main tera, main tera
Ho.. oo..
Kalank Lyrics in Hindi ( कलंक लिरिक्स)
गाना: कलंक शीर्षक गीत
फिल्म: कलंक
गायक: अरिजीत सिंह
गीतकार: अमिताभ भट्टाचार्या
संगीतकार: प्रीतम
हवाओं में बहेंगे
घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी,
मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुए तो
किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी,
मैं तेरा पागल पिया
हजारों में किसी को
तकदीर ऐसी मिली है
एक रांझा और हीर जैसी
ना जाने ये जमाना
क्यूं चाहे ये मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है
काजल पिया
कलंक नहीं इश्क़ है
काजल पिया
पिया, पिया
पिया रे, पिया रे, पिया रे
पिया रे, पिया रे, पिया रे
दुनिया की नज़रों में
ये रोग है
हो जिनको वो जाने
ये जोग है
एक तरफा शायद हो
दिल का भरम
दो तरफा है तो ये संजोग है
लाई रे हमें
जिंदगानी की कहानी
कैसे मोड़ पे
हुए रे खुदसे पराए
हम किसी से ना ना जोड़ के
हजारों में किसी को
तकदीर ऐसी मिली है
एक रांझा और हीर जैसी
ना जाने ये जमाना
क्यूं चाहे ये मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है
काजल पिया
कलंक नहीं इश्क़ है
काजल पिया
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा,
मैं तेरा...
मैं गहरा तमस,
तू सुन्हेरा सवेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
मुसाफिर मैं भटका,
तू मेरा बसेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
तू जुगनू चमकता,
मैं जंगल घनेरा
मैं तेरा
हो पिया मैं तेरा,
मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा,
हो मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
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